![](https://static.wixstatic.com/media/523ded_ea294aebb2994bd9b0199be5ea7ef5c0~mv2_d_3024_4032_s_4_2.jpg/v1/fill/w_980,h_1307,al_c,q_85,usm_0.66_1.00_0.01,enc_auto/523ded_ea294aebb2994bd9b0199be5ea7ef5c0~mv2_d_3024_4032_s_4_2.jpg)
सनातनी राष्ट्रवादी फिल्मकार आज़ाद ने अपने दल-बल के साथ प्रयागराज पहुँच कर अपने आराध्य चंद्रशेखर आज़ाद को आज़ाद पार्क में भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की | ज्ञातव्य है कि पिछले २१ मई ,२०१९ को चंद्रशेखर आज़ाद के जीवन और दर्शन पर आधारित आज़ाद की कृति राष्ट्रपुत्र का फ्रांस के विश्वप्रसिद्ध कान फिल्म फेस्टिवल में भव्य प्रदर्शन हुआ और विश्व-समुदाय ने राष्ट्रवादी राष्ट्रपुत्र की भूरि भूरि प्रशंसा की |
![](https://static.wixstatic.com/media/523ded_53c0699b42404c1aa4c5c586fdb4797a~mv2_d_3024_4032_s_4_2.jpg/v1/fill/w_980,h_1307,al_c,q_85,usm_0.66_1.00_0.01,enc_auto/523ded_53c0699b42404c1aa4c5c586fdb4797a~mv2_d_3024_4032_s_4_2.jpg)
राष्ट्रपुत्र का निर्माण भारतीय सिनेमा के आधारस्तंभ द बॉम्बे टॉकीज़ स्टूडियोज़ (जिसकी स्थापना राजनारायण दुबे ने १९३४ में किया था ), कामिनी दुबे, बॉम्बे टॉकीज़ फाउंडेशन, विश्व साहित्य परिषद्, वर्ल्ड लिटरेचर आर्गेनाइजेशन और आज़ाद फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है |
![](https://static.wixstatic.com/media/523ded_78feaa17d0e6465dbfd13354d5570876~mv2_d_3024_4032_s_4_2.jpg/v1/fill/w_980,h_1307,al_c,q_85,usm_0.66_1.00_0.01,enc_auto/523ded_78feaa17d0e6465dbfd13354d5570876~mv2_d_3024_4032_s_4_2.jpg)
’राष्ट्रपुत्र’ किसी महिला निर्मात्री की एकमात्र क्रांतिकारी फिल्म है जिसका जागतिक प्रदर्शन कान फिल्म फेस्टिवल में किया गया |राष्ट्रपुत्र का सृजन सैन्य विद्यालय के छात्र एवं लेखक-निर्देशक-अभिनेता राष्ट्रवादी फिल्मकार आज़ाद ने किया है | राष्ट्रपुत्र के बाद आज़ाद अपनी कालजयी फिल्म अहम् ब्रह्मास्मि के जागतिक प्रदर्शन के लिए तैयार हैं | अहम् ब्रह्मास्मि देवभाषा संस्कृत की पहली मुख्यधारा फिल्म है जो दर्शकों को भारत की जड़ों, संस्कारों एवं संस्कृति से परिचित कराएगी |
Commentaires