संस्कृत महानायक महर्षि आज़ाद भारत को भारत से जोड़ने के लिए पूर्वोत्तर में संस्कृत सप्ताह मनाएँगे
संस्कृत महानायक महर्षि आज़ाद भारत को भारत से जोड़ने के लिए पूर्वोत्तर भारत में संस्कृत सप्ताह मनाएँगे।
संस्कृत शिरोमणि, संस्कृत कलानिधि, संस्कृत महानायक, संस्कृत के अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर, विश्व के सांस्कृतिक राजदूत, मिलिटरी स्कूल के विद्यार्थी और राष्ट्रपुत्र महर्षि आज़ाद, जिन्होंने वेदों के ब्रह्मवाक्य 'अहं ब्रह्मास्मि' को पूरे विश्व में फैलाकर संस्कृत भाषा का प्रचार, प्रसार किया, अब वे पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों में विश्व संस्कृत सप्ताह मनाने जा रहे हैं ताकि वहाँ के सातों राज्यों को पुरे भारत के साथ जोड़ कर मुख्यधारा में ला सकें।
भारत को भारत से जोड़ने के अभियान के तहत उत्तर-पूर्व क्षेत्र में विश्व संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया गया है जो महर्षि आज़ाद के तत्वावधान में संपन्न होगा | इस भव्य विश्व संस्कृत सप्ताह का आयोजन अरुणाचल प्रदेश में ईटानगर, असम में गुवाहाटी, मणिपुर में इंफाल, मेघालय में शिलांग, मिजोरम में आइजोल, नागालैंड में कोहिमा, त्रिपुरा में अगरतला शहर में होगा।
विश्व संस्कृत सप्ताह सितंबर के महीने में द सेवन सिस्टर्स स्टेट्स ऑफ इंडिया के नाम से विख्यात पुरे पूर्वोत्तर भारत में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में दुनिया भर के लाखों लोग ऑफलाइन और ऑनलाइन भाग लेंगे।
इस कार्यक्रम में संस्कृत महानायक महर्षि आज़ाद के भारत समेत यूरोप के हज़ारों संस्कृत शिष्य मौजूद रहेंगे।
महर्षि आज़ाद का मानना है कि संस्कृत भाषा विश्व की पूर्ण और सबसे उत्तम भाषा है।
भारत के पूर्व-उत्तर में संस्कृत सप्ताह मनाकर महर्षि आज़ाद संस्कृत भाषा के प्रयोग के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने जा रहे हैं।
महर्षि आज़ाद का मानना है कि पूर्वोत्तर भारत जिसे द सेवन सिस्टर्स के नाम से भी जाना जाता है की संस्कृति अभी तक बहुत से लोगों को नहीं पता है, इसके लिए वे द सेवन सिस्टर्स स्टेट्स की संस्कृति और जीवन शैली को पूरे भारत और दुनिया में प्रचारित करेंगे।"
महर्षि आज़ाद की संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम की प्रवक्ता प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि महर्षि आज़ाद ने जिस तरह उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण को जोड़कर भारत को एकजुट किया और उसे हमारे देश के लोगों के दरवाजे तक संस्कृत भाषा पहुँचाया वह बेहद उत्कृष्ट था। हम उनके प्रयासों के लिए उनके आभारी हैं। हमारे देश के कुछ राज्यों में बाक़ी देश के लोग अभी तक लोग नहीं पहुंचे हैं और इन राज्यों के लोगों के साथ संचार की कमी हो गई है। महर्षि आज़ाद ऐसे राज्यों के अछूते और अनसुने पहलुओं को पूरे भारत में और दुनिया के कोने-कोने में प्रचारित कर रहे हैं।
महर्षि आज़ाद के इस महानतम कार्य से बेहद उत्साहित होकर टाटा कंपनी की अपनी नौकरी छोड़ महर्षि आज़ाद के विश्व व्यापी अभियान मे शामिल होने वाली इंजीनियर प्रीति श्रीवास्तव ने कहा का कि सेवन सिस्टर्स हमारे देश का एक अभिन्न अंग हैं, जिसे दुनिया भर में बढ़ावा देने की जरूरत है। महर्षि आज़ाद विश्व स्तर पर सेवन सिस्टर्स स्टेट्स की संस्कृति और जीवन शैली को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। महर्षि आज़ाद वर्तमान में इन राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में संवाद स्थापित करने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं, ताकि वह यहां महत्वपूर्ण पौराणिक संस्कृति को विश्व स्तर पर रख सकें।
महर्षि आज़ाद को भारत के कई संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया है जैसे वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, अहमदाबाद में संस्कृत भारती, बिलासपुर में पाणिनि शोध संस्थान, नई दिल्ली में जेएनयू इत्यादि..।
संस्कृत भाषा के प्रचार करने के महर्षि आज़ाद के प्रयासों के कारण, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और मणिपुर राज्य में कई संस्थानों और स्कूलों ने संस्कृत भाषा को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने संस्कृत महानायक महर्षि आजाद के प्रयासों की भुरभुरी प्रशंसा की है. बाबा रामदेव ने कहा, "संस्कृत भाषा के साथ ही भारतीय संस्कृति के मूल्यों
को जन जन तक पहुँचाने वाले महर्षि आजाद के प्रयास अविश्वसनीय रहे हैं।"
"महर्षि आज़ाद भारत के हर दरवाजे पर संस्कृत व भारतीय संस्कृत पहुँचाने वाले सनातन संस्कृति के पुरोधा है।"
डॉ. किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और माननीय सांसद - लोकसभा, अहमदाबाद) ने कहा कि, "संस्कृत भाषा के प्रति उनके योगदान और इसे दुनिया के कोने-कोने में फैलाने के लिए महर्षि आज़ाद को हजारों वर्षों तक याद किया जाएगा।"
प्रो. टी.एन. सिंह (माननीय कुलपति - महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी) ने कहा कि, "महर्षि आज़ाद अपने आप में एक संस्था हैं, उन्होंने संस्कृत भाषा के कायाकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई"।
महर्षि आज़ाद के कोर टीम मेम्बर अभिजीत घटवारी (स्वामी आचार्य अभिजीत) जो कि हरिवंशराय बच्चन, हरिओम शरण, भुपेंद्र हज़ारिका जैसे महानतम लोगों के क़रीबी रह कर काम किया है। उन्होंने कहा कि, "महर्षि आज़ाद के प्रयासों के कारण, दुनिया को एक बार फिर संस्कृत और भारतीय संस्कृति के बारे में पता चला और अगले महीने भारत के पूर्वोत्तर में संस्कृत सप्ताह मनाकर, यह हमारे और हमारी सांस्कृतिक विरासत के लिए एक बहुत बड़ा आयोजन होगा।
महर्षि आज़ाद के इस सांस्कृतिक अभियान के लिए मणिपुर के केबिनेट मंत्री लेटपाव हाउकीप ने कहा कि महर्षि आज़ादजी एक नया इतिहास रचने जा हैं, मैं पहले भी उनके अभियान का हिस्सा था और आगे भी रहूँगा | उन्होंने कहा कि यहाँ के सारे राज्यों में हम संस्कृत महानायक महर्षि आज़ाद का स्वागत करते हैं।
महर्षि आज़ाद के इस सांस्कृतिक के संयोजक सुशील हुईड्रम होंगे, जो इफांल, मणिपुर से है।
